सामान्य प्रश्न
बॉन्ड पर लोन एक ऐसा लोन है, जिसे बैंक और वित्तीय संस्थानों द्वारा ऑफर किया जाता है और इसमें उधारकर्ता लोन लेने के लिए अपने बॉन्ड को कोलैटरल के तौर पर गिरवी रख सकते हैं. बॉन्ड पर लोन की कुछ विशेषताएं यहां दी गई हैं:
a. कोलैटरल: बॉन्ड पर लोन एक सिक्योर्ड लोन है, जिसमें बॉन्ड को कोलैटरल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. लोन की राशि, गिरवी रखे गए बॉन्ड की वैल्यू पर निर्भर करती है.
b. लोन की राशि: आमतौर पर लोन की राशि, गिरवी रखे गए बॉन्ड की मार्केट वैल्यू का ही प्रतिशत होती है. बजाज फाइनेंस के लिए यह प्रतिशत, बॉन्ड की मार्केट वैल्यू का 95% है.
c. पुनर्भुगतान: उधारकर्ता EMI (समान मासिक किश्तों) में लोन की राशि चुका सकते हैं, जिसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं.
d. प्री-पेमेंट: बजाज फाइनेंस उधारकर्ता को लोन राशि के 4.72% तक (लागू टैक्स सहित) के शुल्क पर, देय तारीख से पहले लोन चुकाने की सुविधा देता है.
बजाज फाइनेंस के बॉन्ड पर लोन के लिए अप्लाई करते समय आपके पास 40 से ज़्यादा एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) के विभिन्न प्रकार के अप्रूव्ड बॉन्ड गिरवी रखने का विकल्प होता है.
बॉन्ड पर लोन एक प्रकार का लोन होता है, जिसमें लोग अपने बांड या सिक्योरिटीज़ को कोलैटरल के तौर पर गिरवी रखकर पैसे उधार ले सकते हैं. बॉन्ड पर लोन लेने के कुछ लाभ यहां दिए गए हैं:
- कम ब्याज दर: यह लोन सिक्योर्ड होता है, इसलिए लोनदाता आमतौर पर अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में कम ब्याज दरों पर लोन ऑफर करते हैं. ब्याज दरें, बॉन्ड की वैल्यू, लोन की राशि और अन्य कारकों के आधार पर तय की जाती हैं.
- बॉन्ड बेचने की कोई ज़रूरत नहीं: बॉन्ड को कोलैटरल के तौर पर गिरवी रखकर, उधारकर्ता अपने बॉन्ड को बेचे बिना पैसे प्राप्त कर सकते हैं. यह सुविधा उस स्थिति में फायदेमंद होती है जब उधारकर्ता के पास ऐसे बॉन्ड होते हैं, जिनकी वैल्यू बढ़ने की उम्मीद हो.
- पुनर्भुगतान के सुविधाजनक विकल्प: बॉन्ड पर लोन के लिए पुनर्भुगतान विकल्प आमतौर पर सुविधाजनक होते हैं, जिससे उधारकर्ता अपनी ज़रूरतों के अनुसार लोन चुकाने की अवधि चुन सकते हैं.
- केवल उपयोग की गई राशि पर ब्याज: आपके बॉन्ड के लिए कुल निर्धारित राशि में से, ग्राहक के पास केवल ज़रूरी राशि निकालने का विकल्प होता है और ब्याज का भुगतान भी केवल निकाली गई राशि पर किया जाता है.
- बहुउद्देशीय उपयोग: बॉन्ड पर लोन के माध्यम से प्राप्त फंड का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है जैसे, बिज़नेस में पैसा लगाने के लिए, संपत्ति खरीदने के लिए, शिक्षा के लिए, मेडिकल के खर्च आदि के लिए.